NAFARAT SHAYARI IN HINDI,NAFARAT QUOTES,NAFARAT SMS,NAFARAT STATUS IN HINDI |

Hi Doston aaj hum aap sabhi ke liye aaye Nafarat WORD par shayari ka collection lekar aaye hai ummed hai aapko bahut hi pasand aaygi -

                                              
NAFARAT SHAYARI IN HINDI,NAFARAT QUOTES,NAFARAT SMS,NAFARAT STATUS IN HINDI




nafrat shayari urdu
उल्फत नहीं नफ़रत ही सही
चलो कुछ तो है जो उसे दिल से था


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2 line,nafrat shayari for BF GF

नफरत है इस रविवार से मुझे,
ये दिलाती है और भी तेरी याद खाली वक्त में


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उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।


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मुझे नफरत है इस मोहब्बत के नाम से,
क्यूँ बिना कसूर तडपा तडपाकर मारा है मुझे


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फिर यूँ हुआ के गैर को दिल से लगा लिया,
अंदर वो नफरतें थी के बाहर के हो गये


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अजीब सी आदत और गज़ब की फितरत है मेरी।
मोहब्बत हो या नफरत बहुत शिद्दत से करता हूँ


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कभी उसने भी हमें मोहब्बत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।


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वो इनकार करते हैं इक़रार के लिए,
नफऱत भी करते हैं तो प्यार करने के लिए।
उल्टी चाल चलते हैं ये इश्क़ करने वाले,
आंखे बंद करते हैं दीदार के लिए


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खुदा सलामत रखना उन्हें,
जो हमसे नफरत करते हैं,
प्यार न सही नफरत ही सही,
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।


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ये मेरे दिल की जिद है की प्यार करुँ तो सिर्फ तुमसे करूँ।
वरना तुम्हारी जो फितरत है वो नफरत के भी काबिल नहीं


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zindagi nafrat shayari

अगर इतनी ही नफरत है हमसे तो,
दिल से कुछ ऐसी दुआ करो,
की आज ही तुम्हारी दुआ भी पूरी हो जाये,
और हमारी ज़िन्दगी भी।


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नफरत है मुझे आज जालिम तेरे उस रुखसार से।
जिसे देख कर मैं अक्सर दीवाना हुआ करता था


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वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,
लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी।


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कर लूं एक बार तेरा दीदार जी भर के, मेरे दोस्त।
मेरी मोहब्बत और तेरी नफरत के बीच का फासला खत्म हो जाएगा


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हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं,
जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।


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प्यार करता हु इसलिए फ़िक्र करता हूँ।
नफरत करुगा तो जिक्र भी नही करुगा


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नफरत करना तो कभी सिखा ही नही
हमने दर्द को भी चाहा है अपना समझकर


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में अकेला वारिस हूँ तेरी तमाम नफरतों का, ऐ मेरी जान।
और तू सारे शहर में प्यार बाटती फिर रही है


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हमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करो,
नफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे।


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नाराजगी, डर, नफरत या फिर प्यार।
कुछ तो जरुर है जो तुम मुझ से दूर-दूर रहते हो


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कुछ जुदा सा है मेरे महबूब का अंदाज,
नजर भी मुझ पर है और नफरत भी मुझसे ही


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सनम तेरी नफरत में वो दम नहीं
जो मेरी चाहत को मिटा दे


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तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।


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नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली,
ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली


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कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके


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हमारी अदा पे तो नफरत करने वाले भी फ़िदा हैं।
तो फिर सोच प्यार करने वालो का किया हाल होता होगा


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देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,
नफरत बता रही है तूने इश्क बेमिसाल किया था।


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पहले इश्क़, फिर दर्द, फिर बेहद नफरत।
बड़ी तरकीब से तबाह किया तुमने मुझको


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एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं,
वरना नफरत और मोहब्बत एक ही दिल में होती है


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मेरे पास वक्त नही है, नफ़रत करने का उन लोगो से,
जो मुझसे नफऱत किया करते है।
क्योंकि मैं व्यस्त हूँ उन लोगो मे
जो मुझसे प्यार किया करते है


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नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।


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दुनिया को नफरत का यकीन नहीं दिलाना पङता।
मगर लोग मोहब्बत का सबूत ज़रूर मॉगते हैं


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Uski nigahen ab mujhe chuwe bina gujar jati hai
Ab batane ki jarurat nahi k mujhse dil bhar gaya


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एक नफरत ही नहीं दुनिया में दर्द का सबब फ़राज़।
मोहब्बत भी सकूँ वालों को बड़ी तकलीफ़ देती है


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कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके


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नफ़रत करना है तो इस क़दर करना।
के हम दुनिया से चले जाए पर तेरी आँख में आंशु ना आए


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मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो,
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है।


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सुनो न.बेहद गुस्सा करते हो आजकल।
नफरत करने लगे हो या ईश्क ज्यादा हो गया


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जब नफरत करते करते थक जाओ,
तब एक मौका प्यार को भी देना।


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गुज़रे है आज इश्क के उस मुकाम से।
नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से


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चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,
जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह।


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attitude nafrat shayari

उनकी नफरत बता रही है।
हमारी मोहब्बत गज़ब की थी


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मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली दोस्तो...
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते हैं।


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मत रख इतनी नफ़रतें अपने दिल में ए इंसान।
जिस दिल में नफरत होती है उस दिल में रब नहीं बसता


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न मोहब्बत संभाली गई, न नफरतें पाली गईं,
अफसोस है उस जिंदगी का, जो तेरे पीछे खाली गई।


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तूने ज़िन्दगी को मेरी इस क़दर कुछ यूँ मोड़ा हैं।
कि अब मोहब्बत भी नफरत भी, दोनों थोड़ा थोड़ा हैं


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महोब्बत और नफरत सब मिल चुके हैं मुझे,
मैं अब तकरीबन मुकम्मल हो चुका हूँ।


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देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना।
नफरत बता रही है तूने गज़ब की मोहब्बत थी


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tuje MOHBBAT to teri okat se jyada ki thi
ab NAFRAT ki bari h soch tera kya hoga


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khud se nafrat shayari

तेरी जुदाई में और तो कुछ ना हो सका।
बस मोहब्बत से नफरत हो गयी


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नफरतों के जहां में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैं,
दूर रहना कोई कमाल नहीं, पास आओ तो कोई बात बने।


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प्यार, एहसान, नफरत, दुश्मनी जो चाहो वो मुझसे करलो।
आप की कसम वही दुगुना मिलेगा


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खुदा सलामत रखना उन्हें,
जो हमसे नफरत करते हैं,
प्यार न सही नफरत ही सही,
कुछ तो है जो वो हमसे करते हैं।


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नफरत हमने सीखी नही कभी दिल से।
हम तो बस मौहब्बत ही रखते है हर किसी से


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तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो,
मैं प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा।


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काश कि दिल पर अपना अख्तियार होता।
ना नफरत होती ना प्यार होता


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दिलों में गर पली बेजा कोई हसरत नहीं होती,
हम इंसानों को इंसानों से यूँ नफरत नहीं होती।


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नफरत तेरी बुलंदियों पे थी,
फिर भी तुझे चाहा था।
ए सनम तूने ही आवाज ना लगाई,
हमने तो तुझे हर लम्हे में पुकारा था


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गुजरे हैं इश्क़ में हम इस मुकाम से
नफरत सी हो गई है मोहब्बत के नाम से
हम वो नहीं जो मोहब्बत में रो कर के
जिंदगी को गुजार दे...
अगर परछाई भी तेरी नजर आ जाए
तो उसे भी ठोकर मार दें।


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कुछ लोग तो मुझसे सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं।
क्योंकि..बहुत सारे लोग मुझसे प्यार करते हैं


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नफरत के बाजार में मोहब्बत बेचते है
कीमत में सिर्फ और सिर्फ दुआ ही लेते है


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देख के हमको वो सर झुकाते हैं,
बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं।
नफरत हैं तो कह देते हमसे,
गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं


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तुम नफरत करो या मोहब्बत,
दोनों हमारे हक में बेहतर हैं,
नफरत करोगे तो हम तुम्हारे दिमाग में,
मोहब्बत करोगे तो दिल में बस जायेंगे।


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सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है।
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था


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