NARAZGI SHAYARI IN HINDI FOR GIRLFRIEND & BOYFRIEND,RUTHNA SHAYARI,RUTHNA STATUS

Doston aap to jaante hi hoge ki pyar main naraj hona ruthna manana to chalta hi rehta hai aaj hum aise hi ruthne aur narazgi wale word pa shayari lekar aaye hai aapke liye-

                                                     
                                                               
NARAZGI SHAYARI IN HINDI FOR GIRLFRIEND & BOYFRIEND,RUTHNA SHAYARI,RUTHNA STATUS |

             
                                                            

shayari on narazgi in hindi
काँच का तोहफा ना देना कभी
रूठ कर लोग तोड दिया करते हैं
जो बहुत अच्छे हो उनसे प्यार मत करना
अकसर अच्छे लोग ही दिल तोड दिया करते है


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narazgi shayari 2 lines

Ab Mout Se Kah Do 
Hum Se Narazgi Khatam Kar Le
Wo Badal Gya 
Ziske Liae Hum Zinda The


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नाराज़गी जायज़ है तुमसे,
मगर नफ़रत मुमकिन नही।


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Udas Hai Dil Aur Ankho Me Nami Hai
Jaise Rutha Hai Asman Aur Khamosh Ye Zami Hai
Yad Na Karne Ki Koi To Waja Batao
Naraz Ho Ya Waqt Ki Kami Hai


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हमसे कोई खता हो जाए तो माफ़ करना
हम याद ना कर पाएं तो माफ़ करना
दिल से तो हम आपको कभी भूलते नहीं
पर ये दिल ही रुक जाए तो माफ़ करना


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Khafa Bhi Rehte Hain
Or Wafa Bhi Krte Hain
Is Tarha Apne Pyar Ko Bayan Bhi Krte Hain
Jane Kaisi Narazgi Hai Meri Unse
Khona Bhi Chahte Hain
Aur Pane Ki Dua Bhi Karte Hain


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नाराज़ ना होना हमारी बेमतलब की शायरियों से क्योंकि,
इन्ही हरकतों से हम हमेशा आपको याद आयेंगे।


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Meri Har Khata Par Naraz Na Hona
Apni Pyari Si Muskan Kabhi Na Khona
Sukoon Milta He Dekhkar Apki Muskurahat Ko
Mujhe Maut Bhi Aye To Bhi Mat Rona


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कितना करीब थी तू मेरे जैसे सांसो में समायी हो,
एक दम से कैसे कह दिया कि तुम मुझे भूल जाओ
उस पल ऐसे लगा जैसे मेरी मौत आयी हो


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Hum Nibhayenge Dosti Marte Dum Tak
Hum Hasayenge Tumko Gham Se Khushi Tak
Aye Dost Kabhi Humse Naraz Na Hona
Saath Rehna Hamare Akhiri Dum Tak


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यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है,
दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है।


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Dil Se Teri Yad Ko Juda To Nahi Kia
Rakha Jo Tujhe Yaad, Bura To Nahi Kia
Hum Se Log Hain Naraz Kis Liye
Hum Ne Kabhi Kisi Ko Khafa To Nahi Kia


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तू रूठा रूठा सा लगता है
कोई तरकीब बता मनाने की
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूँगी
तूँ कीमत बता मुस्कराने की


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Harr Baat Khamooshi Se Maan Lena
Ye Bhi Andaz Hota Hai Narzgi Ka


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एक नाराज़गी सी है जहन में जरुर,
पर मैं खफ़ा किसी से नहीं।


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Jinse Betehasha Mohabbat Ho Unse
Narazgi Ka Taallluq Bhi Utna Gahra Hota Hai


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तुम हँसते हो मुझे हंसाने के लिए
Tum रोते हो मुझे रुलाने के लिए
तुम एक बार रूठ कर तो देखो
मर जाएंगे तुम्हे मनाने के लिए


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Sitam Hamare Chhat Liya Karo
Narzgi Se Cha Dat Liya Karo


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वे उम्र भर करते रहे इन्तेज़ार के कोई पैगाम आए मेरा,
और वो समझ बैठे थे के नाराज हैं हम उनसे।


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मुझको छोङने की वजह तो बता देते..
मुझसे नाराज़ थे या..मुझ जैसे हज़ारों थे


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Gujra hai mohabbat mein kuch aisa bhi zamana
Rootha hoon agar main to manaya tha kisi ne


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कैसे ना हो इश्क, उनकी सादगी पर ए-खुदा,
ख़फा हैं हमसे, मगर करीब बैठे हैं


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शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे,
जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता,
मेरे नाराजगी से क्या होगा।


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हर बात खामोशी से मान लेना..
यह भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का


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कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हमसे,
मिलना पड़ेगा कभी न कभी ज़रूर हमसे
नज़रे चुराने वाले ये बेरुखी है कैसी..
कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हमसे


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ज़ुलफें मत बांधा करो तुम,
हवाए नाराज़ रहती हैं


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हमें नहीं भाता तेरा किसी और को ताकना,
फक़त नाराज़गी भी रखिए तो सिर्फ हमसे।


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अजीब अदा है लोगों की
नजरें भी हम पर नाराजगी भी हमसे


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तुझे सब का ख्याल है पर मेरा नहीं
मुझे बस तेरा ख्याल है और किसी का नही


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कोशिश न कर सभी को खुश रखने की
कुछ लोगों की नाराज़गी भी जरूरी है
चर्चा में बने रहने के लिए


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आज कुछ लिख नही पा रहा,
शायद कलम को मुझसे नाराजगी हैं कोई।


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तेरी हर बात ख़ामोशी से मान लेना
यह भी अन्दाज़ है मेरी नाराज़गी का


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तेरी मोहब्बत की तालाब थी तो हाथ फैला दिए हमने
वरना हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं मांगते


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खुदा भी नाराज है देखकर मेरी इबादत
कहता है मुझे पांच वक़्त और उसे हर वक़्त


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आज कुछ लिख नही पा रहा,
शायद कलम को मुझसे नाराजगी हैं कोई।


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Simat Jaye Ye Jahan, Par Rahe Amar Vajood Apka
Beh Jaye Sari Khushiyan Humari, Jo Baha Le Jaye Sare Gum Apke
Agar Yaad Aayi Kabhi Humari, Kisi Modd Par
To Puchiyega, Apne Iss Bewafa Dil Se
Kyun Gaye The Chodd Kar,Hume Ussi Mod Par


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मुद्दतों से था जो नाराज़ मुझसे,
आज वही मुझसे मेरी नाराजगी की वजह पूछता है।


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हम रूठे भी तो किसके बहाने रूठे
कौन है जो आएगा हमें मनाने
हो सकता है तरस आ भी जाए आपको
पर दिल कहाँ से लाये आपसे रूठ जाने के लिए


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आज मौसम भी कमबख्त खुशमिज़ाज है,
क्या करे अब हमारा यारा थोड़ा नाराज है।


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wo hamari ek khata pr humse is kader root kr chaldiye
jaise sadiyoon se unhe kisi bahane ki talaash thi


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नाराज़गी उनसे भले बेशुमार रहती है,
पर उन्हें देखने की चाहत बरकरार रहती हैं।


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हो सकता है हमने आपको कभी रुला दिया
आपने तो दुनिया के कहने पे हमें भुला दिया
हम तो वैसे भी अकेले थे इस दुनिया में
क्या हुआ अगर आपने एहसास दिला दिया


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नाराज हूँ मैं उससे उसने मनाया भी नहीं,
वो लोगों से कहता फिरता है बेवफा हूँ मैं।


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नाराज़गी बहुत है हम दोनों के दरमियान
वो गलत कहता है कि कोई रिश्ता नहीं रहा


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मेरी फितरत में नहीं है किसी से नाराज होना,
नाराज वो होते हैं जिनको अपने आप पर गुरुर होता है।


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बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से
हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से
तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले
कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से


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जैसे मैं तुम्हारी हर नाराजगी समझता हूं,
काश वैसे हीतुम मेरी सिर्फ एक मजबूरी समझते।


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रूठे हुए को मनाना तो दस्तूर-ए-दुनिया
पर रूठे को मानना क्यों नहीं सीखती दुनिया


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नखरे तेरे, नाराजगी तेरी,
देख लेना!
एक दिन जानले लेगी मेरी


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खता हो गयी तो फिर सजा सुना दो
DIL में इतना दर्द क्यों है वजह बता दो
देर हो गई याद करने में ज़रूर,
लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो


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तुम मेरी कल थी,
और मैं आज हो गया हूं |
अब मैं मनाने नहीं आऊंगा,
क्योंकि मैं नाराज हो गया हूं।


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Na Khushi Ki Talash Hai, Na Gham-e-Nijaat Ki Aarzoo
Main Khud Se Naraa j Hoon... Teri Narajgi Ke Baad


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देखो नाराज़गी मुझसे ऐसे भी जताती हैं वो,
छुपाती भी कुछ नही जताती भी कुछ नही।


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तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी ना रहेगी
तुम्हारे बिना चिरागो में रौशनी न रहेगी
क्या कहे क्या गुज़रेगी इस दिल पर,
ज़िंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी ना रहेगी


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तेरी नाराज़गी, मेरी दीवानगी,
चल देखें किसकी उम्र ज्यादा है।


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जब जब आँखें बंद होती है,
बस तू साथ होती है
तेरी यादो के तकिये पर
बस राते मेरी सोती है
अब आजा बात मान कर
याद तेरी बहुत तड़पती है


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निकाल दिए गए कुछ दिलों से,उन्हें हमसे गीला भी नहीं,
और एक हम हैं के कबसे ज़हेन में नाराजगी लिए बैठे हैं।


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गलती तो सबसे होती है, हाँ मुझसे भी हो गयी
अब माफ़ भी कर दे मुझे, क्यों दूर इतना हो गई
एक गलती के लिए क्यों ऐसे साथ छोड़ गयी


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तेरी बात को खामोशी से मान लेना,
ये भी अंदाज है मेरी नाराज़गी का।


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