SUFI SHAYARI IN HINDI BEST SHAYARI FAKIRI SHAYARI IN HINDI,ALHAD SHAYARI|SUFIYAN STATUS| morepankh.com

Friends sufiyana words main bahut gehrai hoti hai aaj hum aapke liye aise hi sufi shayari ka collection lekar aaye hai aap padhe aur aanand le aur apne doston ko bheje. सूफी शायरी पढ़ने, लिखने और दोस्तों के साथ शेयर करने का अपना ही अलग मजा है तो देर किस बात की एक अच्छी सूफी शायरी पसंद करके शेयर कर दीजिये अपने दोस्तों के साथ। 
SUFI SHAYARI IN HINDI BEST SHAYARI FAKIRI

Sufi shayari in hindi



Aadmi aadmi ko kya de ga
Jo bhi de ga mera khuda de ga
Mera qaatil hi mera munsib hai
Kya mere haq mein faisla de ga


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तेरी चाहत के भीगे जंगलों में
मेरा तन मोर बन कर नाचता है


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2 line sufi shayari in hindi


तलब मौत की क्यूं करना गुनाह ए कबीरा है
मरने का शोंक है तो इश्क़ क्यों नहीं करते


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सुनो! एक तो मैं -सूफ़ी सा बन्दा-
और उस पर तुम एक ‘मासूम सी परी
उफ्फ्फफ ! कमबख्त ‘इश्क’ तो होना ही था हो गया


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आज फिर जो मुर्शीद को याद किया
यूं लगा जैसे दिल के आईने को साफ किया


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दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे
मर जायेंगे लेकिन तुझे रुस्वा ना करेंगे
गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको गिला है
हम दूर से भी अब तुम्हे देखा ना करेंगे


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sufi love quotes in hindi



बयान नहीं होता अब हाल-इ-दिल हमसे
तुम समझ जाओ खुद से तो खुदा की रहमत समझें हम


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खुदा सबके पास होकर भी किसी के पास नहीं है
क्योंकि सबको विश्वास होकर भी विश्वास नहीं है


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तुझ में घुल जाऊं मैं‌ नदियों के समन्दर‌ की तरह
और हो जाऊं अनजान दुनिया में कलंदर की तरह


Sufi shayari on god in hindi



बड़ी फुर्सत और खूबसूरती से
खुदा ने इंसान को बनाया
खुदा भी हैरान हुआ यह देखकर
कि इंसान ने खुद को क्या बनाया


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सुनो! एक तो मैं 'सूफ़ी सा बन्दा
और उस पर तुम एक 'मासूम सी परी
उफ्फ्फफ ! कमबख्त 'इश्क' तो होना ही था हो गया


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कितने ना समझ है दुनिया वाले
कल के लिए क्या-क्या जुटा कर रक्खा है
चाहता खुशियाँ है मगर दुखों को बटोर रक्खा है


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जाम हाथ में हो और होंठ सूखे हुये
मुआफ करना यारो इतने सूफी हम नहीं हुये


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आज है जो पैरों तले कल सर के ऊपर आएगी
मिटटी की है हर एक शै मिटटी में ही मिल जाएगी


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पिया रात तोरे गरे लाग
हम बड़े चैन से सोई
हमका जगाए मुख काहे छुपाए
मोरी नींद चैन सब खोई


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बिखरा पड़ा है तेरे ही घर में तेरा वजूद
बेकार महफ़िलों में तुझे ढूँढ़ता हूँ मैं


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दिल भी सूफी है साहब शब्द बिखेर कर इबाददत करता है


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वस्ल में रंग उड़ गया मेरा
क्या जुदाई को मुँह दिखाऊँगा
- मीर तक़ी मीर


Sufi shayari on life in hindi



क्या इल्जाम लगाओगे मेरी आशिकी पर
हम तो सांस भी तुम्हारी यादों से पूछ कर लेते हैं


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अब वही करने लगे दीदार से आगे की बात
जो कभी कहते थे बस दीदार होना चाहिए
- ज़फ़र इक़बाल


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यूँ तो उसका जहाँ है ला-मुक़ाम एजाज़ लेकिन
बसता हैं वह खुदा अपने बंदों के दिलों में सदा


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जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है
- गुलज़ार


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जमीर ज़िंदा रख
कबीर ज़िंदा रख
सुल्तान भी बन जाए तो
दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख


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किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ


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हम अपनी म्यार ज़माने से जुदा रखते हैं
दिल में दुनियां नहीं इश्क़ -ए- ख़ुदा रखते हैं


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बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता


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Apni Muhabbat ke Afsane Kab Tak Raaz Banao Gay
Ruswai Se Darnay Walo Baat Tum He Phailao Gay


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उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें
मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे
- जिगर मुरादाबादी


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ख्वाहिश जन्नत की, एक सजदा गिरां गुजरता है
दिल में है खुदा मौजूद, क्यूं जा-ब-जा फिरता है


2 line sufi shayari in hindi



होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है


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कुछ इस तरह मैंने जिंदगी को आसा कर लिया
किसी से माफ़ी मांगी, और किसी को माफ़ कर दिया


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पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है
जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है
- मीर तक़ी मीर


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तुम रक्स में डूबा हुआ कलंदर तो देख रहे हो
तुम नहीं जानते लज्जते इश्के हकीकी क्या है


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अंदाज़ अपना देखते हैं आईने में वो
और ये भी देखते हैं कोई देखता न हो
- निज़ाम रामपुरी


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सर झुकाने की खूबसूरती भी क्या कमाल की होती है
धरती पर सर रखो और दुआ आसमान में कबूल हो जाती है


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कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता


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इलाही कुछ फेर-बदल कर दस्तूर में
मैं सवाली बनूँगा और वो ख़ैरात बने


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ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों ने
लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई


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sufi sad shayari


वो आएँगे वो आते हैं वो आने को हैं वो आए
तसव्वुर को वो बहलाएँ तसव्वुर हम को बहलाए


Sufiyana shayari in hindi



अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे
- वसीम बरेलवी


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जब कमान तेरे हाथों में हो फिर कैसा डर मुझे तीर से
मुर्शिद मैं जानता हूँ तुम इश्क़ करती हो मुझ फ़क़ीर से


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कितना मुश्किल है जहाँ मे अच्छा दिलजानी होना
हुस्न के दौर में ईश्क का रूहानी होना


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किस तरह छोड़ दूँ ऐ यार मैं चाहत तेरी
मेरे ईमान का हासिल है मोहब्बत तेरी


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पास रह कर मेरे मौला दे सज़ा जो चाहे मुझको
तेरे वादे पूरे हों मेरी तलब भी करना पूरी


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पूछा मैं दर्द से कि बता तू सही मुझे
ऐ ख़ानुमाँ-ख़राब है तेरे भी घर कहीं
कहने लगा मकान-ए-मुअ’य्यन फ़क़ीर को
लाज़िम है क्या कि एक ही जागह हो हर कहीं


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उनकी वज़ाहत क्या लिखूँ, जो भी है बे-मिसाल है वो
एक सूफ़ी का तसव्वुर, एक आशिक़ का ख़्याल है वो


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Andhiyoon Main Datay Huye Hain
Mera Nazuk Sa Ghonsla Or Main



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इल्मे सफीना को आज तुम इल्मे सीना में तब्दील कीजिए
सूफियाना अंदाज में खुद को सूफी काव्य से रूबरू कीजिए


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ग में आ कर इधर उधर देखा
तू ही आया नज़र जिधर देखा


Sad sufi shayari in hindi



तेरे बाद कोई है ना तुझसे पहले ही
अब बिछड़ के तुझसे मौला जाऊं भी कहां


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मांझी न हमसफ़र, न हक़ में हवाएं
और कस्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है
अलग मजा है फ़क़ीर का अपना
न पाने की चिंता न खोने का डर है


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ख़ुदाया आज़ाद करदे, मुझे ख़ुद अपना ही दीदार दे दे
मदीना हक़ में करदे, सूफ़ियों वाला क़िरदार दे दे


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तेरे क्या हुए सब से जुदा हो गए
सूफी हो गए हम तुम खुदा हो गए


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फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है


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मुझे जन्नत ना उकबा ना एशो-इशरत का सामां चाहिए
बस करलूं दीदार-ए-मुहम्मद ख़ुदा ऐसी निगाह चाहिए


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हैफ़ उस चार गिरह कपड़े की क़िस्मत ग़ालिब
जिस की क़िस्मत में हो आशिक़ का गरेबाँ होना


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Wohi mehfooz rakhega mere ghar ko balaaon se
Jo barish mein shajjar se ghaunsle girne nahin deta


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मंजिलो की खबर खुदा जाने
इश्क़ है रहनुमा फ़कीरो का


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लाख पर्दे झूठ के खींच दो ज़माने के सामने
क्या कहोगे क़यामत के दिन ख़ुदा के सामने


Two line sufi shayari



कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं
नाख़ुदा जिन का नहीं उन का ख़ुदा होता है


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जब से तूने मुझे दीवाना बना रखा है
संग हर शख़्स ने हाथों में उठा रखा है


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सोचता हूँ कि अब अंजाम-इ-सफर क्या होगा
लोग भी कांच के हैं, राह भी पथरीली है


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न ले हिज़्र का मुझसे तू इम्तिहां अब
लगे जी ना मेरा तेरे इस दहर में


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Bachche fareb kha kar chattaayi par so gaye
Ek maan ubaalti rahi paththar tamaam raat


Sufi quotes in hindi



फीके पड जाते हैं दुनियाभर के
तमाम नज़ारे उस वक़्त
सजदे में तेरे झुकता हूँ तो मुझे
जन्नत नज़र आती हैं।


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यार को हमने जा ब जा देखा
कभी ज़ाहिर कभी छुपा देखा


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fakiri shayari in hindi



हमारा तो इश्क़ भी सूफियाना है
इश्क़ करते करते हम खुद ही सूफी हो गए


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छूकर भी जिसे छू ना सके
वो चाहत है (इश्क़)
कर दे फना जो रूह को
वो इबादत है (इश्क़)


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मुझ तक कब उन की बज़्म में आता था दौर-ए-जाम
साक़ी ने कुछ मिला न दिया हो शराब में


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Hume pata है तुम कहीं और के मुसाफिर हो
Hamara शहर तो बस यूँ ही रास्ते में आया था


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alhad shayari in hindi


फ़क़ीर की तरहा कासे में दरिया लिए बैठे है
एक कमरे में हम सारा कुनबा लिए बैठे है


फकीरी शायरी



मोहब्बते मेहरबान मुर्शीद मेरे तू आजा
के अब हम सबक वफा का भूलने लगे


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मन लागो मेरो यार फकीरी में
जो सुख पावो राम भजन में
सो सुख नाही अमीरी में


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इश्क़ में आराम हराम है
इश्क़ में सूफ़ी के सुल्फ़े की
तरह हर वक़्त जलनाहोता हैं


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Josh-e-Junoon Mein Lutf-e-Tasawwur Na Puchhiye
Firte hain Saath Saath Unhein Hum Liye Huye


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जाने कैसे जीतें हैं वो जो कभी तेरे सीने से लगे हैं
मेरे साकी, हम तो नैन लड़ाकर ही बेसुध से पड़े हैं


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अपनी छवी बनाय के जो मैं पी के पास गई
जब छवी देखी पीहू की तो अपनी भूल गई
- अमीर खुसरो


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तेरी आरजू में हो जाऊं ऐसे मस्त मलंग
बेफिक्र हो जाऊं दुनिया से किनारा करके


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mast shayari


न माँझी, न रहबर, न हक में हवायें
है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है
अलग ही मजा है, फ़कीरी का अपना
न पाने की चिन्ता न खोने का डर है


इश्क़ शायरी



अतीत के गर्त में भविष्य तलाश करना एक बेवकूफी है
जो वर्तमान में रहकर भविष्य संवारे, वो सच्चा सूफी है


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तुझी को जो याँ जल्वा-फ़रमा न देखा
बराबर है दुनिया को देखा न देखा
- ख़्वाजा मीर 'दर्द'


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अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो


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तेरी आवाज है कि सूफी का कोई नग्मा है
जिसे सुनूँ तो सुकूँ जन्नतों सा मिलता है


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जग में आ कर इधर उधर देखा
तू ही आया नज़र जिधर देखा


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सारे ऐब देखकर भी मुर्शीद को तरस है आया
हाय! किस मोम से खुदा ने उनका दिल है बनाया


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