पंचक क्या है,पंचक में शुभ कार्य क्यों नहीं करना चाहिए, Panchak kise kehte hai | What is panchak ?

                                                

पंचक क्या है,पंचक में शुभ कार्य क्यों नहीं करना चाहिए, Panchak kise kehte hai


पंचक क्या है ? और पंचक में शुभ कार्य क्यों नहीं करना चाहिए ?

दोस्तों आपने अपने घर-परिवार में तो सुना ही होगा कि पंचक लग गए है अब ये काम नहीं हो सकता है अब सीधे पांच दिन बाद ही इस कार्य को किसी शुभ घडी में कर सकते है , और ये भी सुना होगा कि इस काम को पंचक देखकर करना है ,पंचक आने से पहले इस काम को कर लेना है। 



पंचक की परिभाषा

दोस्तों पंचक एक ऐसा योग है जो अशुभ नक्षत्रो के योग से मिलकर बना है , जब मीन राशि पर कुंभ और चन्द्रमा होता है इसे पंचक कहते है और यदि लगातार ये पांच नक्षत्र घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती होते है तो इन्हे पंचक माना जाता है ,दोस्तों शास्त्रों में पंचक को अशुभ माना जाता है ,अधिकतर तो पंचक पांच दिन के लिए होते है। 



दोस्तों पंचक में कोई भी शुभ कार्य इसीलिए नहीं करना चाहिए क्यूंकि जो पांच नक्षत्र होते है उनका अलग-अलग दुष्प्रभाव होता है जैसे अग्नि से हानि का कारक घनिष्ठा नक्षत्र को माना जाता है और कलह होने से जो हानि हो सकती है उसके लिए शतभिषा नक्षत्र जिम्मेदार होता है ऐसे ही बीमारी का कारण पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र बनता है और रूपये-पैसे की हानि के लिए उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र कारण बन सकता है रेवती नक्षत्र भी किसी बड़ी धन हानि का कारक होता है। 


दोस्तों जरुरी नहीं है सभी को पंचक के कारण हानि हो कुछ लोगों के गृह इस तरह मजबूत होते है कि कभी-कभी उन्हें यह शुभ फल दे जाता है। लेकिन जितना पंचक से बच सके पंचक को देखकर ही शुभ कार्य करें। 



पंचक में कौन से कार्य नहीं करना चाहिए ? पंचक में क्या क्या वर्जित है

वैसे तो दोस्तों पंचक में कोई भी शुभ कार्य करने से बचा जाता है लेकिन पुरानी मान्यताओं के हिसाब से ये पांच कार्य वर्जित है - दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना,लकड़ी एकत्र करना या खरीदना,मकान पर छत डलवाना,शव जलाना,पलंग या चारपाई बनवाना। 




क्या पंचक में विवाह हो सकते है ?

दोस्तों वैसे तो पंचक में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है लेकिन पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र,उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र एवं रेवती नक्षत्र रविवार में होने से अट्ठाईस योगों में से चर,स्थिर,प्रवर्ध तीन शुभ योग बनते है इसीलिए विवाह जैसे शुभ कार्य हो सकते है। 




पंचक में मृत्यु

यदि पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए तो क्या करें ?

वैसे शव जलाना पंचक में वर्जित है लेकिन पंचक की शुरुआत है तो  शव के साथ में पांच पुतले बनाकर जलाये जाए तो यह कार्य भी कर सकते है। 




पंचक कितने प्रकार के होते हैं?

1. अग्नि पंचक 

2. चोर पंचक 

3. मृत्यु पंचक 

4. नृप पंचक 

5. रोग पंचक 







Susheel Tiwari

I am a hindi content writer and i am writing for many hindi blogs and i love to help people in hindi .

Post a Comment (0)
Previous Post Next Post