जानिए दशहरा पर नीलकंठ के दर्शन करने के महत्व और सोने की पत्तियों का रहस्य

 दशहरा पर नीलकंठ के दर्शन करने से होने वाले लाभ और शमी के पत्ते सोने की पत्तियां घर में लाने के फायदे 


दोस्तों हमने अपने बचपन से देखा है कि हमारे पिताजी और दादा जी दशहरा को नीलकंठ के दर्शन करने निकल पड़ते थे और साथ में सोने की पत्तियां लेकर आते थे जिन्हे हम अपने पूजा घर में सजा कर रखते थे। दशहरा के दिन नीलकंठ के दर्शन करना और सोने की पत्तियाँ घर में लेकर आना बहुत शुभ माना गया है। 

दशहरा पर नीलकंठ के दर्शन करने से होने वाले लाभ और शमी के पत्ते सोने की पत्तियां घर में लाने के फायदे

दोस्तों सबसे पहले हम जानते है कि नीलकंठ क्या है ? और हमारे हिन्दू धर्म से इसका क्या नाता है ?


नीलकंठ एक पक्षी होता है जिसकी औसतन लम्बाई 25-26 सेंटीमीटर बताई गई है और इसके पंख हल्के नीले और बैंगनी रंग का मिश्रण होता है और पूँछ में गहरे नीले रंग की पट्टी बनी होती है और इसके सामने का चेहरा हल्का गेरुआ रंग  है और कंठ नीला कलर का होता है कई बार आपको कंठ हल्का नीला रंग का दिखाई देगा। हिन्दू संस्कृति में नीलकंठ  पूजा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने  लिए की जाती है और नीला गला (नीला कंठ ) होने के कारण इसे भगवान् शिव का प्रतीक माना जाता है। नीलकंठ का इंग्लिश नाम The Indian roller है। 


अब बात करते है दशहरा पर नीलकंठ देखने का क्या महत्व है ?


1 - नीलकंठ के दर्शन करने से भाग्य मजबूत होता है। 

2 - नीलकंठ के दर्शन करने से धन-धान्य और अच्छा स्वस्थ्य प्राप्त होता है। 

3 - नीलकंठ का दर्शन करने से नौकरी और व्यवसाय में सफलता मिलती है क्यूंकि भगवान राम ने नीलकंठ दर्शन के बाद अहंकारी रावण पर विजय प्राप्त की थी। 

4 - नीलकंठ के दर्शन से भगवान् शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 

5 - नीलकंठ को शादी से भी जोड़ा गया है, कहा जाता कि जिस किसी कुंआरे लड़के या लड़की को दशहरा पर उड़ते हुए नीलकंठ के दर्शन हो जाये तो उनकी शादी में आने वाली सारी बाधाएं टल जाती है और उनकी शादी       जल्दी होती है। 

6 - नीलकंठ के दर्शन विजय और पराक्रम का प्रतीक माना गया है। 

7 - दशहरा के आलावा सावन माह नीलकंठ के दर्शन करना भी उतने ही महत्व का माना गया है। 


सोने की पत्ती का महत्व या शमी के पत्तों का महत्व क्या होता है ?


जब भगवान राम लंका विजय करके वापिस अयोध्या लौटे थे तब से सोने का पत्ता या शमी का पत्ता बांटा जाता है और दशहरा पर शमी की पूजा की जाती है। शमी या सोने के पत्तों को बांटकर एक दुसरे को बुराई पर अच्छाई की जीत की शुभकामनाएं दी जाती है। तो चलिए दोस्तों जान लेते है शमी के पत्तों या सोने के पत्तों से होने वाले लाभ के विषय में। 


1 - दशहरा के दिन शाम के समय शमी बृक्ष की पूजा की जाती है जिससे दशहरा का विशेष फल प्राप्त होता है। 

2 - शमी की पत्ती या सोने की पत्तियां बाँटने से खुशीओं की प्राप्ति होती है। 

3 - शमी या सोने पत्तों को पूजा करके शाम को घर लाने से और पूजा स्थान पर रखने से धन की बर्षा होती है। 

4 - दशहरा के दिन शमी के पेड़ या सोने की पत्ती के पेड़ के दर्शन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 

5 - दशहरा के दिन शाम को शमी के पेड़ की पूजा करने से सभी कार्यों में सिद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है। 


दोस्तों आप भी आज के दिन ब्राम्हण द्वारा बताई गई विधि और विधान से शमी के पेड़ की पूजा करें और नीलकंठ के दर्शनों का लाभ उठाएं। 

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Susheel Tiwari

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