संत शिरोमणि सूरदास भक्तिकालीन धारा के सूर्य के समान प्रकाश देने वाले कवि और संत थे। सूरदास जी, श्री कृष्ण के अनन्य उपासक थे और ब्रजभाषा एवं हिंदी के एक महान कवि और लेखक थे। संत शिरोमणि सूरदास जी का जन्म वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को साल 1535 रुनकता नामक गांव में बताया जाता है। सूरदास जी के विषय में कई प्रकार की कहानियाँ बताई जाती है। इनमें से एक कहानी में यह कहा जाता है कि जब श्री कृष्ण ने सूरदास जी की भक्ति से प्रसन्न होकर जब उनसे वरदान मांगने कॉम कहा तो सूरदास जी ने कहा भगवन अब मैंने आपके दर्शन कर लिए अब मुझे इस संसार में कुछ नहीं देखना आप मुझे नेत्रहीन कर दें जिससे आपका ये रूप मेरे मन में हमेशा बना रहे और मैं आपकी भक्ति में जीवन का एक-एक क्षण व्यतीत कर दूँ। दोस्तों आज संत सूरदास जी की जयंती पर उनके जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं लेकर आये है आप इन संत सूरदास जयंती विशेष का लेख पूरा पढ़ें और अपने साथियों को शुभकामनाएं प्रेषित करें। Surdas jayanti wishes image
सूरदास हमें सिखाते हैं कि जब भक्ति हृदय से होती है
Surdas jayanti wishes
सूरदास हमें सिखाते हैं कि जब भक्ति हृदय से होती है
तो हमें आँखें नहीं चाहिए, बस एक प्रकार का हृदय पर्याप्त है
हैप्पी सूरदास जयंती
लागे लें नैन जल भरि भरि तब मैं कानि न तोरी
सूरदास प्रभु देत दिनहिं दिन ऐसियै लरिक सलोरी
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मैया मोहि मैं नहि माखन खायौ
भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो
चार पहर बंसीबट भटक्यो, साँझ परे घर आयो
मैं बालक बहियन को छोटो, छीको किही बिधि पायो
ग्वाल बाल सब बैर पड़े है, बरबस मुख लपटायो
तू जननी मन की अति भोरी इनके कहें पतिआयो
जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो
यह लै अपनी लकुटी कमरिया, बहुतहिं नाच नचायों
सूरदास तब बिहँसि जसोदा लै उर कंठ लगायो
हैप्पी सूरदास जयंती
भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो
चार पहर बंसीबट भटक्यो, साँझ परे घर आयो
मैं बालक बहियन को छोटो, छीको किही बिधि पायो
ग्वाल बाल सब बैर पड़े है, बरबस मुख लपटायो
तू जननी मन की अति भोरी इनके कहें पतिआयो
जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो
यह लै अपनी लकुटी कमरिया, बहुतहिं नाच नचायों
सूरदास तब बिहँसि जसोदा लै उर कंठ लगायो
हैप्पी सूरदास जयंती
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मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायौ
मोसौं कहत मोल कौ लीन्हौ, तू जसुमति कब जायौ?
surdas jayanti ki hardik shubhkamnaye
मोसौं कहत मोल कौ लीन्हौ, तू जसुमति कब जायौ?
surdas jayanti ki hardik shubhkamnaye
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बुझत स्याम कौन तू गोरी, कहां रहति काकी है
बेटी देखी नही कहूं ब्रज खोरी
काहे को हम ब्रजतन आवति खेलति रहहि आपनी पौरी
सुनत रहति स्त्रवननि नंद ढोटा करत फिरत माखन दधि चोरी
तुम्हरो कहा चोरी हम लैहैं खेलन चलौ संग मिलि जोरी
सूरदास प्रभु रसिक सिरोमनि बातनि भूरइ राधिका भोरी
हैप्पी सूरदास जयंती
काहे को हम ब्रजतन आवति खेलति रहहि आपनी पौरी
सुनत रहति स्त्रवननि नंद ढोटा करत फिरत माखन दधि चोरी
तुम्हरो कहा चोरी हम लैहैं खेलन चलौ संग मिलि जोरी
सूरदास प्रभु रसिक सिरोमनि बातनि भूरइ राधिका भोरी
हैप्पी सूरदास जयंती
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सूरदास हमें सिखाते हैं कि जब भक्ति हृदय से होती है
तो हमें आँखें नहीं चाहिए, बस एक प्रकार का हृदय पर्याप्त है
हैप्पी सूरदास जयंती
Surdas jayanti wishes in hindi
दूरि देखति जसुमति यह लीला हरष आनंद बढ़ावत
सुर स्याम के बाल चरित नित नितही देखत भावत
सुर स्याम के बाल चरित नित नितही देखत भावत
हैप्पी सूरदास जयंती
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मुखहिं बजावत बेनु धनि यह बृंदावन की रेनु
नंदकिसोर चरावत गैयां मुखहिं बजावत बेनु
मनमोहन को ध्यान धरै जिय अति सुख पावत चैन
चलत कहां मन बस पुरातन जहां कछु लेन न देनु
इहां रहहु जहं जूठन पावहु ब्रज बासिनि के ऐनु
सूरदास ह्यां की सरवरि नहिं कल्पबृच्छ सुरधेनु
नंदकिसोर चरावत गैयां मुखहिं बजावत बेनु
मनमोहन को ध्यान धरै जिय अति सुख पावत चैन
चलत कहां मन बस पुरातन जहां कछु लेन न देनु
इहां रहहु जहं जूठन पावहु ब्रज बासिनि के ऐनु
सूरदास ह्यां की सरवरि नहिं कल्पबृच्छ सुरधेनु
संत शिरोमणि सूरदास जी की जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
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माखन तनक आपनैं कर लै तनक बदन में नावत
कबहुं चितै प्रतिबिंब खंभ मैं लोनी लिए खवावत
कबहुं चितै प्रतिबिंब खंभ मैं लोनी लिए खवावत
हैप्पी सूरदास जयंती
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चरन कमल बंदौ हरि राई। जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै
आंधर कों सब कछु दरसाई
बहिरो सुनै, मूक पुनि बोलै, रंक चले सिर छत्र धराई
बहिरो सुनै, मूक पुनि बोलै, रंक चले सिर छत्र धराई
सूरदास स्वामी करुनामय, बार-बार बंदौं तेहि पाई
संत सूरदास जी की जयंती पर आप सभी मित्रों को अनंत शुभकामनाएं
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बांह उठाई कारी धौरी गैयनि टेरी बुलावत
कबहुंक बाबा नंद पुकारत कबहुंक घर आवत
कबहुंक बाबा नंद पुकारत कबहुंक घर आवत
हैप्पी सूरदास जयंती
Surdas jayanti shubhkamna sandesh
हमारे निर्धन के धन राम
चोर न लेत, घटत नहि कबहूॅ, आवत गढैं काम
जल नहिं बूडत, अगिनि न दाहत है ऐसौ हरि नाम
बैकुंठनाम सकल सुख-दाता, सूरदास-सुख-धाम
चोर न लेत, घटत नहि कबहूॅ, आवत गढैं काम
जल नहिं बूडत, अगिनि न दाहत है ऐसौ हरि नाम
बैकुंठनाम सकल सुख-दाता, सूरदास-सुख-धाम
हैप्पी सूरदास जयंती
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हरष आनंद बढ़ावत हरि अपनैं आंगन कछु गावत
तनक तनक चरनन सों नाच मन हीं मनहिं रिझावत
हरष आनंद बढ़ावत हरि अपनैं आंगन कछु गावत
तनक तनक चरनन सों नाच मन हीं मनहिं रिझावत
हैप्पी सूरदास जयंती
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वात्सल्य रस सम्राट, भगवान् श्रीकृष्ण के महानतम भक्तों में से एक
महाकवि संत सूरदास जी की जयंती पर शत्- शत् नमन हैप्पी सूरदास जयंती
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लागे लें नैन जल भरि भरि तब मैं कानि न तोरी
सूरदास प्रभु देत दिनहिं दिन ऐसियै लरिक सलोरी
सूरदास प्रभु देत दिनहिं दिन ऐसियै लरिक सलोरी
हैप्पी सूरदास जयंती
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गुरू बिनु ऐसी कौन करै
माला-तिलक मनोहर बाना, लै सिर छत्र धरै
भवसागर तै बूडत राखै, दीपक हाथ धरै
सूर स्याम गुरू ऐसौ समरथ, छिन मैं ले उधरे
माला-तिलक मनोहर बाना, लै सिर छत्र धरै
भवसागर तै बूडत राखै, दीपक हाथ धरै
सूर स्याम गुरू ऐसौ समरथ, छिन मैं ले उधरे
हैप्पी सूरदास जयंती
Surdas jayanti sms, msg
लागे लें नैन जल भरि भरि तब मैं कानि न तोरी
सूरदास प्रभु देत दिनहिं दिन ऐसियै लरिक सलोरी
हैप्पी सूरदास जयंती
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चरण कमल बंदो हरी राइ
जाकी कृपा पंगु गिरी लांघें
अँधे को सब कुछ दरसाई
बहिरो सुनै मूक पुनि बोले रंक चले सर छत्र धराई
सूरदास स्वामी करुणामय बार- बार बंदौ तेहि पाई
संत सूरदास जयंती की शुभकामनाएँ
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मोहि भयो माखन पछितावो रीती देखि कमोरी
जब गहि बांह कुलाहल किनी तब गहि चरन निहोरी
मोहि भयो माखन पछितावो रीती देखि कमोरी
जब गहि बांह कुलाहल किनी तब गहि चरन निहोरी
हैप्पी सूरदास जयंती
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चरन कमल बंदौ हरि राई
जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै आंधर कों सब कछु दरसाई
बहिरो सुनै मूक पुनि बोलै रंक चले सिर छत्र धराई
सूरदास स्वामी करुनामय बार बार बंदौं तेहि पाई
जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै आंधर कों सब कछु दरसाई
बहिरो सुनै मूक पुनि बोलै रंक चले सिर छत्र धराई
सूरदास स्वामी करुनामय बार बार बंदौं तेहि पाई
Surdas jayanti ki badhai
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हों भइ जाइ अचानक ठाढ़ी कह्यो भवन में कोरी
हों भइ जाइ अचानक ठाढ़ी कह्यो भवन में कोरी
रहे छपाइ सकुचि रंचक ह्वै भई सहज मति भोरी
Happy surdas jayanti
Surdas jayanti ki badhai
जसोदा हरि पालनैं झुलावै
हलरावै दुलरावै मल्हावै जोइ सोइ कछु गावै
संत सूरदास जयंती की शुभकामनाएँ
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गोपी ग्वाल करत कौतुहल घर घर बजति बधैया
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस कों चरननि की बलि जैया
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस कों चरननि की बलि जैया
संत सूरदास जयंती की शुभकामनाएँ
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मिटि गई अंतरबाधा
खेलौ जाइ स्याम संग राधा
यह सुनि कुंवरि हरष मन कीन्हों मिटि गई अंतरबाधा
जननी निरखि चकित रहि ठाढ़ी दंपति रूप अगाधा
देखति भाव दुहुंनि को सोई जो चित करि अवराधा
संग खेलत दोउ झगरन लागे सोभा बढ़ी अगाधा
मनहुं तडि़त घन इंदु तरनि ह्वै बाल करत रस साधा
निरखत बिधि भ्रमि भूलि पर्यौ तब मन मन करत समाधा
सूरदास प्रभु और रच्यो बिधि सोच भयो तन दाधा
खेलौ जाइ स्याम संग राधा
यह सुनि कुंवरि हरष मन कीन्हों मिटि गई अंतरबाधा
जननी निरखि चकित रहि ठाढ़ी दंपति रूप अगाधा
देखति भाव दुहुंनि को सोई जो चित करि अवराधा
संग खेलत दोउ झगरन लागे सोभा बढ़ी अगाधा
मनहुं तडि़त घन इंदु तरनि ह्वै बाल करत रस साधा
निरखत बिधि भ्रमि भूलि पर्यौ तब मन मन करत समाधा
सूरदास प्रभु और रच्यो बिधि सोच भयो तन दाधा
संत सूरदास जयंती की शुभकामनाएँ
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ऊंचा चढी चढी कहती जशोदा लै लै नाम कन्हैया
दुरी खेलन जनि जाहू लाला रे! मारैगी काहू की गैया
संत सूरदास जयंती की शुभकामनाएँ
दुरी खेलन जनि जाहू लाला रे! मारैगी काहू की गैया
संत सूरदास जयंती की शुभकामनाएँ
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