🌸 श्री राधा चालीसा | Shree Radha Chalisa in Hindi – बरसाने वाली राधा रानी की भक्ति में लीन
जय श्री राधे!
जब भी प्रेम की बात होती है, वृंदावन की गलियों में राधा रानी का नाम सबसे पहले लिया जाता है। राधा चालीसा एक ऐसा भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो राधा जी की महिमा का सुंदर वर्णन करता है। यह चालीसा भक्तों के लिए सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है—एक ऐसा अनुभव जो शांति देता है, भक्ति बढ़ाता है और दिल को सच्चे प्रेम से भर देता है।
हर दिन सुबह राधा रानी का नाम लेकर यह चालीसा पढ़ना, जीवन को ऊर्जा और सकारात्मकता से भर देता है। राधा रानी चालीसा विशेष रूप से उन भक्तों के लिए अनमोल है जो वृंदावन धाम से जुड़े भाव रखते हैं और श्यामा श्याम की लीला में खो जाना चाहते हैं।
✨ श्री राधा चालीसा - जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा
श्री राधे वुषभानुजा,
भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दाविपिन विहारिणी,
प्रानावौ बारम्बार ॥
जैसो तैसो रावरौ,
कृष्ण प्रिया सुखधाम ।
चरण शरण निज दीजिये,
सुन्दर सुखद ललाम ॥
॥ चौपाई ॥
जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा ।
कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥
नित्य विहारिणी श्याम अधर ।
अमित बोध मंगल दातार ॥
रास विहारिणी रस विस्तारिन ।
सहचरी सुभाग यूथ मन भावनी ॥
नित्य किशोरी राधा गोरी ।
श्याम प्राण धन अति जिया भोरी ॥
करुना सागरी हिय उमंगिनी ।
ललितादिक सखियाँ की संगनी ॥
दिनकर कन्या कूल विहारिणी ।
कृष्ण प्रण प्रिय हिय हुल्सवानी ॥
नित्य श्याम तुम्हारो गुण गावें ।
श्री राधा राधा कही हर्शवाहीं ॥
मुरली में नित नाम उचारें ।
तुम कारण लीला वपु धरें ॥
प्रेमा स्वरूपिणी अति सुकुमारी ।
श्याम प्रिय वृषभानु दुलारी ॥
नावाला किशोरी अति चाबी धामा ।
द्युति लघु लाग कोटि रति कामा ॥
गौरांगी शशि निंदक वदना ।
सुभाग चपल अनियारे नैना ॥
जावक यूथ पद पंकज चरण ।
नूपुर ध्वनी प्रीतम मन हारना ॥
सन्तता सहचरी सेवा करहीं ।
महा मोड़ मंगल मन भरहीं ॥
रसिकन जीवन प्रण अधर ।
राधा नाम सकल सुख सारा ॥
अगम अगोचर नित्य स्वरूप ।
ध्यान धरत निशिदिन ब्रजभूपा ॥
उप्जेऊ जासु अंश गुण खानी ।
कोटिन उमा राम ब्रह्मणि ॥
नित्य धाम गोलोक बिहारिनी ।
जन रक्षक दुःख दोष नासवानी ॥
शिव अज मुनि सनकादिक नारद ।
पार न पायं सेष अरु शरद ॥
राधा शुभ गुण रूपा उजारी ।
निरखि प्रसन्ना हॉट बनवारी ॥
ब्रज जीवन धन राधा रानी ।
महिमा अमित न जय बखानी ॥
प्रीतम संग दिए गल बाहीं ।
बिहारता नित वृन्दावन माहीं ॥
राधा कृष्ण कृष्ण है राधा ।
एक रूप दौऊ -प्रीती अगाधा ॥
श्री राधा मोहन मन हरनी ।
जन सुख प्रदा प्रफुल्लित बदानी ॥
कोटिक रूप धरे नन्द नंदा ।
दरश कारन हित गोकुल चंदा ॥
रास केलि कर तुम्हें रिझावें ।
मान करो जब अति दुःख पावें ॥
प्रफ्फुल्लित होठ दरश जब पावें ।
विविध भांति नित विनय सुनावें ॥
वृन्दरंन्य विहारिन्नी श्याम ।
नाम लेथ पूरण सब कम ॥
कोटिन यज्ञ तपस्या करुहू ।
विविध नेम व्रत हिय में धरहु ॥
तू न श्याम भक्ताही अपनावें ।
जब लगी नाम न राधा गावें ॥
वृंदा विपिन स्वामिनी राधा ।
लीला वपु तुवा अमित अगाध ॥
स्वयं कृष्ण नहीं पावहीं पारा ।
और तुम्हें को जननी हारा ॥
श्रीराधा रस प्रीती अभेद ।
सादर गान करत नित वेदा ॥
राधा त्यागी कृष्ण को भाजिहैं ।
ते सपनेहूं जग जलधि न तरिहैं ॥
कीरति कुमारी लाडली राधा ।
सुमिरत सकल मिटहिं भाव बड़ा ॥
नाम अमंगल मूल नासवानी ।
विविध ताप हर हरी मन भवानी ॥
राधा नाम ले जो कोई ।
सहजही दामोदर वश होई ॥
राधा नाम परम सुखदायी ।
सहजहिं कृपा करें यदुराई ॥
यदुपति नंदन पीछे फिरिहैन ।
जो कौउ राधा नाम सुमिरिहैन ॥
रास विहारिणी श्यामा प्यारी ।
करुहू कृपा बरसाने वारि ॥
वृन्दावन है शरण तुम्हारी ।
जय जय जय व्र्शभाणु दुलारी ॥
॥ दोहा ॥
श्री राधा सर्वेश्वरी,
रसिकेश्वर धनश्याम ।
करहूँ निरंतर बास मै,
श्री वृन्दावन धाम ॥
॥ इति श्री राधा चालीसा ॥
🌼 राधा जी की महिमा: प्रेम, भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक
बरसाने वाली राधा रानी का नाम लेते ही मन वृंदावन की ओर दौड़ जाता है। Shree Radha Chalisa न सिर्फ भक्तों के लिए एक प्रार्थना है, बल्कि यह राधा जी के प्रेम, त्याग और दिव्यता की झलक भी देती है। कहते हैं कि जो भक्त सच्चे मन से राधा रानी चालीसा का पाठ करता है, उसे जीवन में कभी अकेलापन नहीं सताता।
आपने अगर कभी वृंदावन की गलियों में ‘राधे राधे’ की गूंज सुनी है, तो आप जानते होंगे कि राधा नाम खुद में एक दिव्य ऊर्जा है। यह चालीसा उसी ऊर्जा को हर घर, हर दिल तक पहुंचाने का माध्यम है।
🔔 राधा चालीसा का पाठ कैसे करें?
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सुबह स्नान कर शांत मन से राधा रानी की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठें।
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दीपक जलाकर Radha Rani Chalisa lyrics का पाठ करें।
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अंत में “जय जय श्री राधे” का उच्चारण करें और मन में राधा-कृष्ण के चरणों में समर्पण का भाव रखें।
चाहे आप इसे मोबाइल पर पढ़ें या याद करके मन ही मन जपें, राधा नाम आपको हर स्थिति में मानसिक शांति और आंतरिक शक्ति देगा।
🙏 निष्कर्ष: राधा रानी से जुड़े रहिए, प्रेम में डूबिए
आज के व्यस्त जीवन में अगर कुछ हमें सच्चा सुकून दे सकता है, तो वो है राधा जी की भक्ति। इस चालीसा को पढ़ते हुए, मानो राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम की धारा हमारे जीवन में बहने लगती है।
अगर आप भी Vrindavan Radha Chalisa के इस अनुभव को और लोगों तक पहुँचाना चाहते हैं, तो इस लेख को शेयर करें और प्रेम की इस गाथा को फैलाएं।
राधे राधे!